Betul Ki Taja Khabar: गर्मी में प्यास से व्याकुल पंछियों की हो रही मौत, सूख रहे जलस्त्रोत

By betultalk.com

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जागरूक नागरिकों ने की घर, आंगन में पानी के सकोरे रखने की अपील

Betul Ki Taja Khabar/मुलताई :- मार्च के मध्य में भीषण गर्मी पड़ने लगी है जिसका सीधा प्रभाव जलस्त्रोतों पर पड़ा है। जल स्त्रोत सूखने से प्यास से वन्य प्राणियों सहित पंछी व्याकुल हो रहे हैं तथा ऐसे में कई बार प्यास से पंछियों की मौत भी हो रही है। नगर के जागरूक नागरिकों ने भीषण गर्मी के इस दौर में मकानों, छतों एवं आंगन में पानी के सकोरे रखने की अपील की है ताकि पंछियों को प्यास बुझाने के लिए पानी मिल सके। संजीवनी 108 के ईएमटी मनोज साबले ने बताया कि शुक्रवार दोपहर वे बैतूल से लौट रहे थे कि उन्हें साईखंडारा के पास प्यास से व्याकुल नीलकंठ सड़क पर मिला। उन्होंने तत्काल उसे उठाकर पानी पिलाया जिससे उसकी हालत में सुधार हुआ तथा फिर उसे मुलताई लाकर उसे वन विभाग के हवाले किया। मनोज साबले ने बताया कि वर्तमान में जलस्त्रोत सूखने एवं पंछियों को आसानी से पानी नही मिलने पर वे दूर दराज के क्षेत्रों में पानी के लिए पहुंचते हैं इसके बावजूद पानी नहीं मिलने से उनकी जान चली जाती है। उन्होंने बताया कि समय रहते वे नीलकंठ को पानी नही पिलाते तो उसकी मौत हो सकती थी। इधर पानी की तलाश में वन्य प्राणियों ने भी गांवों एवं शहर की ओर रूख किया है। बड़ी संख्या में में हिरण, चीतल, नीलगाय आदि ग्रामीण अंचलों में जलस्त्रोतों के पास पहुंच रहे हैं ताकि वे अपनी प्यास बुझा सके। पानी की तलाश में कई बार फोरलेन सहित अन्य मार्गों पर वन्य प्राणी दुर्घटना का भी शिकार हो जाते हैं।

नगर के आसपास भी नजर आ रहे वन्य प्राणी

गर्मी में नगर के आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पानी की तलाश में वन्य प्राणी देखे जा सकते हैं। प्रभात पट्टन मार्ग, आठनेर मार्ग, खेड़ली मार्ग एवं नागपूर मार्ग पर सुबह के समय बहुतायत वन्य प्राणी सुबह उठकर घूमने वाले लोगों को नजर आते हैं। बताया जा रहा है कि ग्रीष्मकाल में वन्य प्राणी जलस्त्रोतों के आसपास ही रहते हैं तथा जंगलों में जलस्त्रोत सुखने के बाद वे पानी की तलाश में गांव एवं नगर का रूख करते हैं।

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आंगन एवं छतों पर पानी के सकोरे रखने की अपील

वर्तमान में भीषण गर्मी के दृष्टिगत पर्यावरण प्रेमियों ने घरों में, छतों तथा आंगन में पानी के सकोरे रखने की अपील की गई है ताकि पंछी अपनी प्यास बुझा सकें। अनुसया सेवा संगठन के कृष्णा साहू ने बताया कि गर्मी पंछियों के लिए पीड़ादायक होती है तथा एक बूंद पानी भी पंछियों की जान बचा सकता है। गायत्री परिवार के रामदास देशमुख ने बताया कि यदि गर्मी में हम हमारे आसपास पानी के सकोरे रखकर पंछियों की जान बचा लें तो इससे बड़ा कोई पुण्य कार्य नहीं है। मां ताम्री ब्रिगेड के सौरभ कड़वे ने बताया कि नगरवासियों से ग्रीष्मकाल में पानी के सकोरे रखने की अपील की जा रही हैं।

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