Betul News Today: रक्षाबंधन पर आज बैतूल जिला जेल में बहनों ने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधी। इसके लिए जेल प्रशासन ने माकूल व्यवस्था की थी। इसके लिए सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक आठ घंटे का समय तय किया गया था। इस दौरान 204 बंदियों को राखी बांधी गई। जिला जेल अधीक्षक योगेंद्र तिवारी ने बताया कि जेल में बंद पुरुष बंदियों को बहनों द्वारा सीधे राखी बांधने की व्यवस्था की गई थी। वर्तमान में जेल में 461 पुरुष और 15 महिला बंदी बंद हैं। जेल प्रशासन ने इनको राखी बांधने के लिए पूजा की थाली और अन्य व्यवस्थाएं की थी। आज (19 अगस्त) 301 बहनों और भाइयों को 204 पुरुष और महिला बंदियों से सीधे मुलाकात करने की अनुमति दी गई। जिसमें 297 बहनों ने 200 पुरुष बंदियों को जबकि 4 पुरुषों ने 4 महिला बंदियों को राखी बांधी। यहां बहनों ने जेल में बंद अपने बंदी भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर आरती की और उन्हें फल खिलाकर राखी बांधी। जेल प्रशासन द्वारा की गई मुलाकात की व्यवस्था से बहनें काफी खुश नजर आईं।
त्योहार को लेकर कैदियों में भी उत्साह था। इसके लिए जेल प्रशासन ने कैदियों को एक-एक करके बैरक से बाहर बुलाया और उन्हें सीधे अपनी बहनों से मिलने और राखी बांधने की अनुमति दी। कैदियों से मिलने और राखी बांधने के लिए केवल कैदियों के परिवार की महिला सदस्यों और 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को ही जेल गेट के अंदर जाने की अनुमति दी गई। इसके लिए मुलाकात का अधिकतम समय 15 मिनट तय किया गया था। मुलाकात के दौरान एहतियात बरतते हुए घर से लाया गया खाना और किसी भी तरह की मिठाई या अन्य सामग्री को जेल के अंदर लाने की अनुमति नहीं दी गई। केवल मौसमी फल ले जाने की अनुमति थी। यहां जेल प्रशासन की ओर से पूजा की थाली दी गई थी जिसमें हल्दी, चावल, पूजा सामग्री दी गई थी। आज जब भाई-बहन आमने-सामने हुए तो दोनों के चेहरे खिल उठे। बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधी। साथ ही हल्दी कुमकुम और पूजा सामग्री से भाइयों की आरती भी उतारी। जिला जेल प्रबंधन ने खुली मुलाकात के लिए व्यापक इंतजाम किए थे। उनके बैठने के लिए टेंट और कुर्सियों की व्यवस्था की गई थी और उन्हें एक-एक करके राखी बांधी गई। इस दौरान जेल में उत्सव का माहौल रहा।
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