कच्ची महुआ पर कार्रवाई, ठेकेदार की अवैध शराब पर चुप्पी से उठ रहे सवाल –

By sourabh deshmukh

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Betul Ki Khabar / शाहपुर :- घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब ठेकेदारों द्वारा अवैध शराब की सप्लाई का धंधा तेजी से फैल रहा है। ठेकेदार अपनी चार पहिया गाड़ियों के माध्यम से गांवों की किराना दुकानों और घरों में शराब सप्लाई कर रहे हैं। इसके चलते कई गांवों में अवैध शराब खुलेआम बिक रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि आबकारी विभाग द्वारा कच्ची महुआ शराब बनाने और बेचने वालों पर तो सख्ती से कार्रवाई की जाती है, लेकिन ठेकेदार की शराब बेचने वालों पर विभाग चुप्पी साधे हुए है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विभाग ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के बजाय केवल औपचारिकता पूरी करता है।

महुआ शराब पर कार्रवाई, ठेकेदार पर नहीं

आबकारी विभाग का रुख इस मामले में सवालों के घेरे में है। विभाग नियमित रूप से गांवों में कच्ची महुआ शराब पर छापेमारी कर छोटे निर्माताओं और विक्रेताओं पर कार्रवाई करता है। परंतु, जब बात ठेकेदार की अवैध शराब के कारोबार की आती है, तो विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठाता। एक ग्रामीण ने सवाल उठाते हुए कहा, महुआ बनाने वालों को तो विभाग तुरंत पकड़ लेता है, लेकिन ठेकेदार जो हर गांव में शराब पहुंचा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती? यह विभाग की मिलीभगत नहीं तो और क्या है?

ग्रामीणों में बढ़ रहा आक्रोश

ग्रामवासियों ने ठेकेदारों की गतिविधियों और विभागीय उदासीनता पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि अवैध शराब के इस नेटवर्क से गांवों का सामाजिक ताना-बाना बिगड़ रहा है। युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आ रही है, लेकिन विभाग आंख मूंदे हुए है। एक ग्रामीण महिला ने कहा, कच्ची शराब बनाने वालों पर तो कार्रवाई हो रही है, पर ठेकेदार की गाड़ियों से रोज गांव में शराब आ रही है। कोई रोकने वाला नहीं है। अगर प्रशासन कुछ नहीं करेगा, तो हम खुद इसका विरोध करेंगे।

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फॉर्मेलिटी तक सीमित कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार कभी-कभी अपने एजेंटों पर मामूली कार्रवाई करवाकर विभागीय फॉर्मेलिटी पूरी कर लेते हैं। ऐसे मामलों में बड़े स्तर पर अवैध गतिविधियों को नजरअंदाज किया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि इस प्रकार की सीमित कार्रवाई से न तो अवैध कारोबार पर रोक लग रही है और न ही गांवों में शराब की समस्या कम हो रही है।

प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग

ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन और आबकारी विभाग से मांग की है कि ठेकेदारों की अवैध गतिविधियों की निष्पक्ष जांच कर ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही, अवैध शराब की सप्लाई को जड़ से खत्म करने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए।

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