Betul Ki Taja Khabar/मुलताई :- पवित्र नगरी में सभी मंदिरों को प्रशासन द्वारा राजस्व रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है। अक्षय तृतीया पर जिला प्रशासन ने मां ताप्ती सहित नगर के सभी प्राचीन मंदिरों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया है यह कार्य लगभग 50 सालों से लंबित था। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले ये मंदिर और इनकी भूमि नजूल शीट में दर्ज थी इस कारण मंदिरों की भूमि पर निजी लोगों के नाम दर्ज थे। मंदिरों की भूमि का क्रय-विक्रय हो रहा था। मां ताप्ती नाले सहित अन्य मंदिरों की जमीन भी कई बार बेची गई थी। ताप्ती जलमार्ग का नक्शा बदलकर भूखंड काटे गए थे। कलेक्टर के आदेश से अब सभी मंदिरों के खसरा नंबर राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय मंदिर के नाम से दर्ज हो गए हैं। इससे मंदिरों की कानूनी स्थिति सुरक्षित हुई है। बताया जा रहा है कि ताप्ती महालोक का निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है इसलिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जुटा हुआ है। इधर आगामी 12 से 18 जून तक मां ताप्ती उद्धार महोत्सव का आयोजन होगा। इस महोत्सव में आदि गुरु शंकराचार्य और महाराजा ऑफ नागपुर सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे। सभी समुदाय के लोग मिलकर मां ताप्ती की नगरी को आध्यात्मिक स्वरूप देने में सहयोग करेंगे।
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