Betul Local News: शिक्षा एवं परिवहन राज्य मंत्री उदय प्रताप सिंह रविवार को जिले में एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने अतिथि शिक्षकों को लेकर अपने पुराने बयान पर फिर सफाई दी। मंत्री ने कहा कि अतिथि शिक्षक हमारे बच्चों की तरह हैं। हम उनके अभिभावक हैं। अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के संबंध में मंत्री ने कहा कि सरकार की वित्तीय स्थिति, सुप्रीम कोर्ट के आदेश और शिक्षकों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर निर्णय लिया जाएगा। अतिथि शिक्षकों को अतिथि कहने के अपने बयान पर उन्होंने एक बार फिर सफाई दी। मंत्री ने कहा कि अतिथि शिक्षक हमारे बच्चों की तरह हैं और हम उनके अभिभावक हैं। परिवार में कोई बच्चा शरारती है तो कोई बड़ी बात नहीं है। अतिथि शिक्षक दुखी हैं तो हमें भी दुख होगा। उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हम सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के साथ आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि बच्चे भी सरकारी स्कूलों को विकल्प के रूप में देखें। प्रदेश में 1 करोड़ 28 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। इनमें से 75 फीसदी बच्चे अभी भी सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। प्रतियोगी परीक्षा पास करने वाले ज्यादातर बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढ़ते हैं। यह गर्व की बात है। निजी स्कूलों में शिक्षकों को 30-40 हजार रुपए मिलते हैं। सरकारी स्कूलों में हम 90 हजार तक वेतन देते हैं। अगर शिक्षक ठान लें तो देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
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