BETUL NEWS / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही में अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जितेंद्र कुमार दवंडे के मार्गदर्शन में कार्यक्रम आयोजित किया गया ।भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की नोडल अधिकारी श्रीमती संगीता बामने बताया कि वृद्धावस्था की तुलना खाली घोंसला से की गई है, जिस प्रकार चिड़िया एक-एक तिनका लाकर घोंसला बनाती है, जब बच्चे छोटे होते हैं उनके पंख नहीं होते वह उड़ नहीं पाते, तो चिड़िया मुंह में दाने लाकर अपने बच्चों को खिलाता है खुद भूख रहती है इसी प्रकार जब बच्चे छोटे होते हैं तो माता-पिता भी खुद भूखे रहकर अपने बच्चों की हर समस्या का समाधान करते हैं और जब बच्चे बड़े हो जाते हैं तो वह अपनी गृहस्थी अलग बसा लेते हैं, तब माता-पिता की स्थिति उस खाली घोसले की तरह ही हो जाती है ,बच्चों को हमें शुरू से ही नैतिक शिक्षा का पाठ जरूर पढ़ना चाहिए।
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हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ उमेश कुमार चरपे ने पंच परमेश्वर कहानी एवं साहित्य का उदाहरण देकर वृद्ध लोगों की मदद करने एवं उनका आदर सम्मान करने की बात कही । प्राणी शास्त्र के सहायक प्राध्यापक रविंद्र सिंह शाक्यवार ने विद्यार्थियों को अपने गुरुजनों एवं बड़ों को आदर सम्मान देने की बात कही उन्होंने बताया कि आज संयुक्त परिवार की जगह एकाकी परिवार लेट जा रहा है जिससे नैतिक मूल्यों का हनन होते जा रहा है हमें इस विषय पर विचार करने की आवश्यकता है आदि जानकारी प्रदान की। राजनीति विज्ञान विभाग के सहायक अध्यापक डॉ भूरेसिंह सोलंकी ने विद्यार्थियों को वृद्ध जनों की समस्याओं के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं प्राध्यापक गण उपस्थित रहे।