BETUL NEWS /आमला :- केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में प्रस्तुत किए गए वक्फ संशोधन बिल 2025 का आमला तहसील के मुस्लिम समाज के लोगों ने तीव्र विरोध किया है।मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहर के जनपद चौक पर राष्ट्रपति के नाम नायब तहसीलदार श्याम बिहारी समेले को ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में उल्लेख किया है कि इस बिल ने संविधान विरोधी और अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक एवं सामाजिक परंपराओं में हस्तक्षेप करार दिया। समुदाय के लोगों का कहना है कि यह विधेयक न केवल वक्फ संपत्ति पर सरकार का नियंत्रण स्थापित करता है, बल्कि इसके माध्यम से सरकार को इन संपत्तियों का मनमाने ढंग से उपयोग करने की खुली छूट भी मिल जाएगी। इतना ही नहीं, इस कानून के तहत अन्य समुदायों के लोगों की नियुक्ति कर मुस्लिम समाज के आंतरिक धार्मिक एवं सामाजिक मामलों में भी हस्तक्षेप का रास्ता साफ किया जा रहा है। मुस्लिम नागरिकों का कहना है कि वक्फ संपत्तियाँ मुस्लिम समाज की धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक गतिविधियों के लिए समर्पित हैं, और उन पर किसी भी प्रकार का सरकारी नियंत्रण या हस्तक्षेप अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
सहकारी समिति के पुनर्गठन की मांग, अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
मुस्लिम समाज ने सरकार से मांग की है कि इस विवादास्पद संशोधन विधेयक को तुरंत वापस लिया जाए और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो लोकतांत्रिक और संवैधानिक दायरे में रहते हुए आंदोलन और विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।समुदाय के लोगों ने एक स्वर में कहा कि वे अपनी धार्मिक परंपराओं और संपत्तियों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। ज्ञापन सौंपते समय pcwj अध्यक्ष मोहम्मद आसीफ लंघा , जामा मस्जिद सदर जाहिद पटेल, इस्राइल शाह, जामा मस्जिद नायब सदर शेख आबिद, फिरोज खान , जाबिर खान, शेख रसीद , मोहम्मद शोएब, मोहम्मद जावेद, जावेद मेमन, शोएब फाजलानी, अतीक खान,खालिद शेख,सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे ।