Betul News Today / आठनेर (मनीष राठौर) :- जनपद पंचायत आठनेर में जनपद सदस्य की तानाशाही का एक मामला सामने आया है, मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक विडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें जनपद सदस्य महिला के घर जाकर धमकाते नजर आ रहे हैं। दरअसल पुरा मामला आठनेर विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम खापा गांव का है जहां एक आदिवासी महिला ने जनपद सदस्य पर धमकाकर उसका शौचालय तोड़ने और गांव से भगाने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़िता मुगा पति रामदास सलामे ने सांसद, विधायक, तहसीलदार और थाना आठनेर में मामले की शिकायत की है। आदिवासी महिला मुगा सलामे ने अपनी शिकायत में बताया कि मुख्यमंत्री योजना के अंतर्गत बने उनके शौचालय को जनपद सदस्य दीपक चौरे, गुलाबचंद मायवाड़ और शिवराम सुर्यवंशी उसे तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। महिला ने आरोप लगाया कि अनावेदकगण उसके आदिवासी और गरीब होने की वजह से उसे गांव से बाहर निकालने की साजिश रच रहे हैं। मुगा ने यह भी कहा कि वह पिछले 25 से 30 वर्षों से खापा में निवास कर रही हैं और उनके घर में तीन लोग रहते हैं। इसके बावजूद, अनावेदक लगातार उसे जातीय टिप्पणियों के साथ अपमानित कर रहे हैं और गांव छोड़ने का दबाव बना रहे हैं।
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महिला ने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि अनावेदकों से उसे जान-माल का खतरा है और अगर भविष्य में उसके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए अनावेदकगण पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे। महिला ने एक वीडियो के माध्यम से भी अपने आरोपों को सार्वजनिक किया, जिसमें उसने कहा कि जनपद के अधिकारी और सदस्य लगातार उसे परेशान करते हैं और अवैध रूप से पैसे की मांग करते हैं। पीड़िता की पुत्री ने भी आरोप लगाया कि जनपद के सदस्य उसे दूसरे गांव का बताकर शौचालय तोड़ने और गांव से भगाने की धमकी दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि गांव में दबंग लोगों के अवैध कब्जे है, लेकिन उन्हें छोड़कर गरीब आदिवासी परिवार को परेशान किया जा रहा है।
इस मामले में महिला ने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है। उसने सांसद और विधायक से अपील की है कि वे जनपद पंचायत की तानाशाही और उत्पीड़न से उसे बचाएं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। खापा गांव के अन्य ग्रामीणों ने भी इस मामले में जनपद सदस्य के व्यवहार की निंदा की है और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं आदिवासी समाज में भय का माहौल पैदा कर रही हैं, और इस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही की जानी चाहिए।
इस पुरे मामले को लेकर एवं जनपद पंचायत सदस्य दिपक चौरे का पक्ष जानने के लिए उनसे सम्पर्क किया गया परन्तु आउट आफ नेटवर्क के चलते सम्पर्क नहीं हो पाया।