Betul Samachar / आमला :- ब्लॉक की शुगरमिलों में गन्ने की खरीदी 340 रू. प्रति क्वी. से शुरू की गई है। इस दर का क्षेत्र के किसान विरोध कर रहे है। किसानों की मांग है कि गन्ने की खरीदी 370 रू. प्रति क्वी. की दर से शुरू की जाए और समय समय पर दर बढाई जाए। आज इस मांग को लेकर किसानों ने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार आमला को सौंपा। किसानों के साथ विभिन्न राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों ने भी दिया। किसानों ने कलेक्टर से मांग की है कि पिछले एक वर्ष में मंहगाई बढ़ी है गन्ने की लागत भी बढ़ गई है पर शुगरमिलों द्वारा गन्ना पुरानी दरों से ही क्रय किया जा रहा है। गन्ना 370 रू या उससे अधिक दर पर खरीदा जावे। किसानो का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के जितेन्द्र शर्मा, यशवंत हुड़े, बिसराम उइके, ने बताया कि यदि शुगरमिलों ने गन्ना खरीदी की दर नही बढाई तो आंदोलन किया जाएगा। आज बुधवार सौंपे गए ज्ञापन में मांग की गई है कि सभी शुगरमिलों में स्थानीय युवाओं और ग्रामीण मजदूरों को काम में प्राथमिकता दी जावे। जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि सभी शुगरमिलों में दूसरे राज्य के मजदूरों को काम पर रखा जाता है स्थानीय मजदूरों की अनदेखी की जा रही है। ज्ञापन में मांग की गई है कि गन्ने का परिवहन करने वाले वाहनों को प्रशासन परेशान न करें। किसान संघ के सुखदेव नारे ने बताया कि गन्ने का सिजन दो चार माहीने का रहता है प्रशासन किसानों की सहायता करें। किसान अशोक इवने, छन्नु बेले, रवि घानेकर ने ज्ञापन सौंपते समय कहा कि क्षेत्र में अवैध रूप से छोटी छोटी खांडसारी मिले संचालित होती है उनके संचालक किसानों का पैसा लेकर भाग जाते है प्रशासन भूमि मालिको की जिम्मेदारी तय करें। ज्ञापन सौपते समय किसान विनोद मालवीय, यशवंत चढोकार, इमरत उइके, गोडवाना गणतंत्र पार्टी की रंजना वामने, पुरन बामने, मुकुंदराव ठाकरे, रमेश पटवारी, रामदयाल पंवार, काशीराम, हसन इवनाती, कन्हैया साहु, राजेश सुरे, राजेश राठौर, शिवपाल भलावी, सबरलाल, पार्षद सुनिल उइके सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
समय पर हो भुगतान
किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि सभी शुगरमिलों द्वारा गन्ना खरीदी का भुगतान समय सीमा में किया जाए। किसानों ने बताया कि कई बार दो-दो , तीन-तीन माह किसानेां को गन्ने का भुगतान नही किया जाता है जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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बिजली मिले पर्याप्त
वर्तमान में रबी की फसल की बोवनी चल रही है ऐसे समय किसानेां को पर्याप्त बिजली मिलना चाहिए। आदिवासी कांग्रेस के बिसराम उइके ने बताया कि किसान बिजली की घोषित अघोषित कटौती से परेशान है। किसानों को बोवनी के समय बिजली की कमी नही होना चाहिए।
खाद की कमी न हो
ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने प्रशासन को चेतावनी भी दी कि किसानों को यूरिया खाद और डी.ए.पी. सहित सभी खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाई जाए, किसानों को खाद के लिए परेशान न होना पड़े।