केवट (ढीमर) समाज ने तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
Betul Samachar / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैसदेही सीएम राईस स्कूल भैंसदेही के पीछे स्थित पूर्णा घाट शमशान से अतिक्रमण हटाकर भूमि की चर्तुसीमा को चिन्हित कर तार फेसिंग करने की मांग केवट (ढीमर) समाज ने की है। इस संबंध में तहसीलदार भगवानदास कुमरे को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें बताया कि हम आवेदकगण केवट (ढीमर ) समाज के होकर भैंसदेही के स्थाई निवासी है। हमारे समाज में मृत व्यक्ति को सीएम राईस स्कूल भैंसदेही के पीछे स्थित पूर्णा घाट शमशान में जमीन में नीचे दफनाया जाता है तथा पुर्वजो के समय से यही प्रथा के तहत हम लोग हमारे समाज के लोगो को अंतिम क्रियाकर्म करते चले आ रहे है।
समाज में मृत व्यक्ति को जलाया नही जाता है, इसलिये हमे मृत शरीर को जमीन अंदर दफनाकर अंतिम क्रियाकर्म करते है, किन्तु पुर्णा घाट शमशान के आसपास के अनावेदकगण राकेश उर्फ टिंकू पिता जगदेव निवासी पोखरनी सहित कृषको ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है तथा नदी तक जमीन को अवैध तरीके से खेती की जा रही है। Betul Samachar जिसके कारण अब शमसान में मृत शरीर को दफनाते की जगह भी नही बची है और समाज के लोगो को अत्यधिक परेशानी हो रही है। अनावेदक गणों ने शमशान में बने चबूतरों को मशीन से तोड कर उखाड़ दिये है। जिससे मौके पर वाद-विवाद की स्थित उत्पन्न हो गई है।
यदि उक्त अतिक्रमण अतिशीघ्र नही हटाया गया तो जनशांति भंग होने का खतरा बना हुआ है। समाज के लोगों ने शमसान एवं नदी की शासकीय भूमि को अनावेदकगण एवं पडोसी कास्तकारो के अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराने और भूमि की चर्तुसीमा को तार फेंसिंग के माध्यम से सुरक्षित कराये जाने की मांग की है। इस अवसर पर नारायण नान्हे, महादेव अमझरे, फाग्या नान्हे, रामा पारिसे, संजु अमझरे, सुखदेव अमझरे, रमेश अमझरे, दिना पारिसे, राकेश, दिपक कुरवाड़े, राजु पारिसे, छोटू, जगदेव नान्हे, दिपक नान्हे, श्रीराम पारिस, राजा पारिसे सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।