कैचमेंट एरिया, वॉटर डिस्चार्ज लेवल पर नहीं दिया ध्यान
Betul Samachar / भीमपुर (मनीष राठौर) :- निर्माण कार्यों में यदि तकनीकी और गुणवत्ता का ध्यान रखकर कोई भी निर्माण किया जाए तो ना सिर्फ इससे आम जनता को लाभ पहुंचेगा बल्कि जनप्रतिनिधियों द्वारा दी जाने वाली निधि का भी सपयोग हो जाएगा। लेकिन देखने में आता है कि विधायक अथवा सांसद निधि से राशि स्वीकृत कराकर ऐसी जगह पुल-पुलिया या अन्य का निर्माण किया जाता है जहां उसकी आवश्यकता ही नहीं होती है। ऐसी ही एक पुलिया का निर्माण किया गया है जिसमें गुणवत्ता और तकनीकी बिंदुओं का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया है। ऐसे कई निर्माण कार्य जनपद के रतनपुर सेक्टर में इन दिनों कई ऐसे निर्माण कार्य प्रगतिरत है, जिनसे जनता को कम ठेकेदार को अधिक लाभ हो रहा है। नाली निर्माण से लेकर पुलिया, स्टॉप डेम के निर्माण तक सभी कार्य जनहित कम स्वहित अधिक प्रतीत हो रहे है।
आमकोल नाले में हो रहा पुलिया निर्माण
ग्राम पंचायत पातरी के ग्राम हर्रा के आमकोल नाले पर मुख्यमंत्री अधोसरंचना मद से पुलिया निर्माण किया जा रहा है। जिस स्थान पर पुलिया निर्माण हो रहा है वहां पुलिया निर्माण संबंधी स्थल नहीं प्रतीत होता है। क्योंकि दोनों ही तरफ गेहूं की फसल लहरा रही है। जिस स्थल पर पुलिया निर्माण हो रहा है, वह स्थान समतल है। नाले जैसे उतर-चढ़ाव जैसा स्थान नहीं है। इस स्थति में ग्राम पंचायत के प्रस्ताव को इंजिनियर महोदय द्वारा स्वीकृति देना समझ से परे है तकनीकी विभाग द्वारा निर्माण कार्य की तकनीकी स्वीकृति देना जनहित में आए पैसों की बर्बादी करने के सामन है।
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जनपद का तकनीकी विभाग
भीमपुर जनपद का तकनीकी विभाग चींटी को हाथी बताने की कला में माहिर है। समूचे ब्लॉक में कई ऐसे निर्माण कार्य है जिन्हें देखकर स्पष्ट प्रतीत होता है कि बनाई गई संरचना का स्थल गलत है। परंतु सबकुछ जानकर अनजान बने अधिकारियों की नजरों में संरचना का स्थल सही होता है। फिर चाहे उस संरचना से जनता को लाभ हो या नहीं इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। वही दूसरी ओर जनपद के वरिष्ठ अधिकारी अतिरिक्त जिम्मेदारियों के बोझ से इतने दब चुके है कि उन्हें फील्ड जाने का समय नहीं है। जिसके चलते पंचायतों में अनुपयोगी निर्माणों का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।