पढ़ाई को पहाड़ ना समझे पहाड़ा समझकर पढ़े विभव सागर महाराज, विद्यायक भी पहुँचे आशीर्वाद लेने

By betultalk.com

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Betul Samachar/ भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैंसदेही विधायक महेंद्र सिंग चौहान पंच कल्याणक कार्यक्रम मे पहुंचकर श्री विभव सागर महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। सी ऍम राइस स्कूल के बच्चे भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे जिन्हे महाराज जी ने समझाइस पूर्वक शिक्षा देकर कहा जो जैसा लक्ष्य बनाता है उसे वैसे लक्षण प्राप्त होते है।हम सफल होना चाहते है तो हम सफल होकर रहेंगे। पढ़ाई को पहाड़ समझकर नही पहाड़ा समझकर पढ़ो। बहुत नहीं बहुत बार पढ़ो बहुत नहीं बहुत बार पढ़ाओ।माता पता बच्चों को पढ़ने का बोलते है लिखने का नहीं हम पढ़ते ज्यादा है लिखते कम है। आदरणीय शिक्षक आप ज्ञान के देवता है। सरस्वती माने ज्ञान की नदी कहा से निकलेगी सरस्वती नदी विद्यालय से निकलेगी। निकालेगा शिक्षक। सरस्वती नदी का एक और उदगम स्थल है आपका मुख।अपने माता पिता के सपने कौन पूरा करेगा जो चाहे हम कर सकते है हम मे क्षमता है मै कुछ करू देश हित मे कुछ बनु देश हित मे प्यारे बच्चो तुम जो चाहो बन सकते हो आज सुख चाहते हो तो आगे दुख पाओगे इसलिए आज दुख उठा लो कल सुख पाओगे।शिक्षा का फल चरित्र निर्माण है।

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भोजन से मन बनता है मन से विचार हमें विचार शुद्ध रखने के लिये भोजन शाकाहारी करना चाहिए। भगवान ने हमें इतने सारे फल दिये है हमें मांस नहीं खाना चाहिए। हमें रोज दो बादाम खाना चाहिए जिससे दिमाग़ तेज होगा। तम्बाकू उसे खाना चाहिए जिसे माँ बाप से प्यार नहीं है। जो बच्चों को गुटका तम्बाकू नहीं खाने का संकल्प दिलाया। रात्रि मे नाटिका के रूप मे भगवान आदिनाथ के समक्ष इंद्र ने तांडव नृत्य रूप बदल बदल कर प्रस्तुत किया। सुबह के प्रवचन मे महाराज विभव सागर महाराज ने कहा आज हमारी संस्कृति पश्चात्य संस्कृति अपना रही है। आंनद के आसुओ से चरण मे पखांरू आज्ञा गुरु की मै मन से मानु विनय मोक्ष का द्वार है मन भी मोक्ष का द्वार है। लोग कहते है मन चंचल है मै कहता हूँ की मन मोक्ष का द्वार है चंचल को अंचल मत करो मन सही दिशा चलाओ जिनवाणी मन को संचालित करे। ऐसा मन बनाओ माथे की बिंदिया पति के मन के भाव को प्रकट करती है मंगल सूत्र पति के हृदय को प्रकट करता है। ज्ञान का ज्ञान मे टिकना ही ज्ञान है। जो ज्ञान के पर्याय को समझता है वही टिकता है जिनवाणी को मस्तक पर रखो तो तुम्हारा मन और ऊपर की ओर जायेगा मनकी विजय जिनवनी से होती है। सही मुनि तो वही जिसने मन पर विजय पाई है जिनवाणी का ज्ञान सबके लिये है।

जिस तरह कलश मे आप जो भरोगे कीमत वैसे ही मिलेगी इसी तरह आप मन मे जो भरोगे वैसे ही आपकी कीमत होंगी। मन उनका बस मे होता जो ज्ञान चक्षु से देखते है जो भगवान का अभिषेक कर रहे मै उनका अभिषेक ज्ञान से कर रहा हूँ। पुत्र के मुख्य से पिता का परिचय होता है कभी भी नींद मे भी किसी की पर निंदा मत करो।बोलना नहीं सुधारोगे तो तुम्हे दो की चार सुनना पड़ेगा जब व्यक्ति ज्ञान का समुचित उपयोग नहीं करता तो टेंसन बढ़ती है। थाली को कभी सुदर्शन चक्र मत बनाना यह भोजन का पात्र है। इसे थाली ही रहने दो जो जोड़ी मन पर विजय पाये वह सब पर विजय पाये। आज भगवान आदिनाथ की शादी की बारात निकाली गई। जिसमे राजे महाराजे शामिल हुए साथ ही आज भगवान आदिनाथ का तप दिवस भी है। कार्यक्रम मे महाराज श्री विभव सागर को सुनने के लिये भीड़ अत्यधिक उमड़ रही है। भैंसदेही नगरी मे बड़े ही उल्लास का माहौल है।

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