आखिर कब तक प्रभारी सीएमओ के भरोसे चलेगी मुलताई नगर पालिका

By betultalk.com

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                                        विकास कार्य प्रभावित, सत्ताधारी स्थाई सीएमओ की नही करा सके नियुक्ति

Betul Samachar/मुलताई। पूरे जिले में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली नगर पालिका मुलताई लंबे समय से प्रभारी सीएमओ के भरोसे चल रही है जिससे नगर के विकास कार्य सहित अन्य कार्य प्रभावित हो गए हैं। पूर्व में सीएमओ आरके इवनाती के स्थानांतरण के बाद से ही नगर पालिका को प्रभारी सीएमओ संचालित कर रहे हैं। पहले जहां नपा के ही अधिकारियों को सीएमओ का प्रभार दिया गया वहीं इसके बाद भैंसदेही सीएमओ को नगर पालिका का प्रभार सौंप दिया गया। इसके बाद अचानक आमला सीएमओ को मुलताई नगर पालिका का प्रभार दे दिया गया है जिससे ऐसा प्रतित हो रहा है कि मानो नगर पालिका में स्थाई सीएमओ पदस्थ होना ही मुश्किल हो गया है तथा नगर पालिका को प्रभारी सीएमओ ही संचालित करेंगे जो एक सप्ताह में मात्र एक से दो दिन मुलताई पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में नगर पालिका के आवश्यक कामकाज भी जहां प्रभावित हो गए हैं वहीं विकास कार्यों को भी गति नही मिल पा रही है। स्थाई सीएमओ नही होने से जनप्रतिनिधियों में भी रोष व्याप्त है। पूर्व में नगर पालिका उपाध्यक्ष शिव माहोरे तथा विवेकानंद पार्षद अंजली शिवहरे प्रभारी सीएमओ को लेकर रोष प्रकट कर चुके हैं वहीं अन्य पार्षदों में भी स्थाई सीएमओ के नही होने से कहीं ना कहीं रोष नजर आ रहा है।

सत्ताधारी जनप्रतिनिधि नही कर रहे प्रयास

मुलताई नगर पालिका का इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि पहले नगर पालिका नपाध्यक्ष पद को लेकर उलझी रही जिसके बाद अब स्थाई सीएमओ नही रहने से इसका सीधा असर नगर के विकास पर पड़ा है। पूरे मामले में कांग्रेस के पार्षदों का मत है कि वर्तमान में नीचे से लेकर उपर तक भाजपा के प्रतिनिधि सत्तासीन है इसके बावजूद नगर पालिका में स्थाई रूप से सीएमओ की नियुक्ति नही कराई जा रही है। पार्षद अंजली शिवहरे ने बताया कि मुलताई में कई भाजपा के जनप्रतिनिधि अपना S22 कनेक्शन सीधे उपर तक के जनप्रतिनिधियों से बताते तो हैं लेकिन जब काम कराने की बारी आती है तो पीछे हट जाते हैं जिसका खामियाजा नगर की जनता को भोगना पड़ रहा है। भाजपा द्वारा तत्काल मुलताई नगर पालिका में स्थाई सीएमओ की मांग की है।

प्रभारी सीएमओ का करना पड़ता है इंतजार

नगर पालिका में मुख्य अधिकारी के ही नही रहने से नपाकर्मियों को छोटे से बड़े कार्य को लेकर हर बार सिर्फ इंतजार ही करना पड़ता है। पूर्व में भैंसदेही सीएमओ एक सप्ताह में सिर्फ दो बार मुलताई पहुंचती थी जिससे कार्य प्रभावित हो चुके थे वहीं कलेक्टर के आदेश के बावजूद ताप्ती प्रवाह क्षेत्र से स्थाई अतिक्रमण भी नही हटाया जा सका। प्रभारी सीएमओ द्वारा अभियान में रूचि नही लेते हुए नियत समय नदारद रहने से अभियान फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है। इधर आमला सीएमओ को मुलताई नगर पालिका का प्रभार देने से स्थिति अभी भी ज्यों कि त्यों बनी हुई है जिससे आमजन में रोष व्याप्त है।

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जल संकट के समय मुख्य अधिकारी का होना आवश्यक

नगर में भीषण गर्मी के दौर में पेय जल संकट से निपटने के लिए कोई ठोस योजना तैयार नही की गई है जिससे नग र पालिका के पास पर्याप्त जल होने के बावजूद जल प्रदाय करने में परेशानी हो रही है। जल प्रदाय समय पर नहीं करने से नगरवासियों में पेयजल को लेकर रोष व्याप्त है जिससे जनप्रतिनिधियों को आम जनता को जवाब देते नही बन रहा है। यदि स्थाई रूप से सीएमओ रहते तो जल संकट सहित अन्य नगर की प्रमुख समस्याओं को लेकर ठोस योजना बनाकर उसे क्रियान्वित किया जाता लेकिन प्रभारी सीएमओ के रहते हुए नगर की समस्याओं का समाधान होना संभव नजर नही आ रहा है।

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