GST New Invoice Management System: GST पोर्टल पर लॉन्च होगा नया इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम, जानिए क्या होंगे फायदे,जीएसटी अदा करने वालों के लिए एक बड़ा अपडेट आया है। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क जीएसटी पोर्टल पर एक नया इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम यानी आईएमएस लॉन्च करने जा रहा है। करदाताओं को इस सुविधा का लाभ 1 अक्टूबर से मिल जाएगा।
आईएमएस के जरिए करदाता सही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा आसानी से कर सकेंगे। वे आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जारी किए गए रिकॉर्ड या बिलों का मिलान कर सकेंगे। करदाताओं को सीधे पोर्टल से इनवॉइस स्वीकार करने, अस्वीकार करने और इनवॉइस को लंबित रखने की सुविधा मिलेगी।
आईएमएस (इनवॉइस मैनेजमेंट सिस्टम लाभ) के लाभ
करदाताओं को इस सुविधा के तहत कई लाभ मिलेंगे। वे अपने आईटीसी दावे का हिस्सा बनने से पहले प्रत्येक इनवॉइस की समीक्षा कर सकेंगे। साथ ही, सटीकता सुनिश्चित करके, वे ऑडिट के दौरान समस्याओं से बच सकते हैं। भविष्य के कर अवधियों में लंबित इनवॉइस का समाधान करने की भी सुविधा होगी।
आईएमएस उन लोगों की मौजूदा प्रक्रिया से जुड़ा होगा जो क्वार्टरली रिटर्न मंथली पेमेंट (QRMP) योजना का उपयोग कर रहे हैं। जिसके कारण GSTR-2B को उनके फाइलिंग शेड्यूल के अनुसार तिमाही आधार पर तैयार किया जाएगा। इसके अलावा, करदाता अपने GSTR-3B दाखिल करने से पहले किसी भी समय इनवॉइस पर कार्रवाई कर सकेंगे।
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ऐसे काम करेगा आईएमएस (Know How IMS Will Work)
जैसे ही आपूर्तिकर्ता अपने GSTR-1 में इनवॉइस सेव करता है, यह प्राप्तकर्ता करदाता के IMS डैशबोर्ड में दिखाई देगा। जिसके बाद प्राप्तकर्ता इनवॉइस के लिए स्वीकार करें/अस्वीकार करें/लंबित करें का विकल्प चुन सकता है।
एक बार स्वीकार किए जाने पर, इनवॉइस प्राप्तकर्ता के GSTR-2B का पात्र आईटीसी का हिस्सा बन जाएगा। फिर यह संबंधित कर अवधि के लिए उनके GSTR-3B में दिखाई देगा। यदि इनवॉइस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो इसे स्वीकार किया जाएगा। त्रुटियों को कम करने के लिए, नई प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि केवल वास्तविक और सत्यापित इनवॉइस ही आईटीसी का दावा कर सकते हैं।