Jaggery :- गुड़ को चीनी का एक हेल्दी विकल्प माना जाता है। अक्सर लोग चीनी की जगह गुड़ को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि वे इसे हेल्दी मानते हैं। गुड़ गन्ने या ताड़ के रस से तैयार एक पारंपरिक मीठा पदार्थ है, जिसे भारतीय संस्कृति में मुख्य भोजन भी माना जाता है। यह अपनी मिठास के लिए जाना जाता है। पहले लोग चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करते थे, फिर चीनी के आविष्कार के कुछ समय बाद चीनी काफी प्रचलित हो गई। अब एक बार फिर गुड़ को चीनी का हेल्दी विकल्प मानकर लोग इसका सेवन करने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस गुड़ को आप हेल्दी समझकर दिनभर में खा रहे हैं, वो फायदेमंद है या नहीं? अगर आप ज्यादा खा लेंगे तो क्या होगा?
गुड़ चीनी से अलग कैसे है?
चीनी एक प्रोसेस्ड स्वीट ऑप्शन है। वहीं, गुड़ को प्रोसेस नहीं किया गया है। चीनी को फैक्ट्री में तैयार किया जाता है। प्रोसेस्ड चीनी में कैलोरी काउंट अधिक होता है और इसमें हानिकारक तत्व गुड़ के मुकाबले अधिक होते हैं। वहीं, गुड़ आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम का अच्छा सोर्स है। साथ ही, गुड़ में चीनी के मुकाबले थोड़ा कम कैलोरी काउंट होता है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट की मानें तो गुड़ को नट्स के साथ मिलाकर खाया जाए, तो ये एक हेल्दी फूड बन सकता है।
कितना गुड़ खाना सेफ है?
WHO के अनुसार, चीनी कोई हेल्दी फूड आइटम नहीं है। रोजाना की डाइट में चीनी की मात्रा 5% से अधिक बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। अगर हमारी डाइट में 2000 कैलोरी है, तो उसमें 25 ग्राम तक मीठा होना सही है क्योंकि खून में शुगर की मात्रा कुछ अन्य पदार्थों से भी बढ़ सकती है।
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डायबिटिक्स को कितना गुड़ खाना चाहिए?
गैर मधुमेह रोगी अपने दैनिक आहार में 10 से 15 ग्राम (लगभग 1 बड़ा चम्मच) गुड़ शामिल कर सकते हैं। वहीं, मधुमेह रोगी प्रतिदिन 5-10 ग्राम ही प्रोटीन या फाइबर के साथ इसे खा सकते हैं।
गुड़ खाने के फायदे
- पाचन शक्ति के लिए फायदेमंद।
- एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स से भरपूर हैं, इसलिए इम्यूनिटी मजबूत होगी।
- गुड़ में आयरन होता है, जो हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है।