Jal Mahal : क्या आप जानते है की जयपुर का जल महल कब और क्यों बनवाया गया था ?

By betultalk.com

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Jal Mahal :- भारत में ऐतिहासिक इमारतों, महलों की कोई कमी नहीं है.  खासकर राजस्थान में तो ऐसी एतिहासिक इमारतों की भरमार है, जो सैकड़ों   और कुछ तो हजारों साल पुरानी है. ये महल, किले और ऐतिहासिक इमारतें भारत के इतिहास और उनकी आन-बान और शान तो कहलाती ही हैं, लेकिन अपने भीतर इन इमारतों से कई राज संजोकर रखा है. आज हम आपको एक ऐसी ही विरासत से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जिसे बने तो 300 साल हो चुके हैं, लेकिन यह अभी भी उसी शान से खड़ा है.  

 यह मनोहर महल मानसागर झील में तीन तरफ से अरावली पहाड़ियों से घिरा मन सो शांत और चित कर देने वाला है। इसका निर्माण 18 वी शताब्दी में आमेर के महाराजा जय सिंह द्वितीय ने यहाँ पैलेस और जलमहल का निर्माण किया था। इसकी एक झलक पर्यटन के अशांत मन को शांत करने के लिए काफी है।

महल का इतिहास : कहा जाता है कि आज से करीब 300 साल पहले 1799  के आस पास आमेर के महाराज ने इस महल का निर्माण अरावली और आमागढ़ से आने वाली पानी को इकठ्ठा करने के लिए किया था, जिसका उपयोग आसपास के खेती में किया जा सके।
जब 1596 के दशक में यहां के छेत्र में अकाल पड़ा तो महाराज ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए बांध बनाने का निर्णय लिया ताकि इसका सही इस्तेमाल हो सके।
झील की सुंदरता इतनी बढ़ गईं कि राजा सवाई जयसिंह ने इसके बीचों -बीच पांच मंजिला महल बना दिया ताकि वह यज्ञ हवन के बाद अपनी रानी और पुरोहितों के साथ झील में शाही स्नान कर सके।
मानसागर झील के मध्य में अपनी वजूद और इतिहास की गवाही देता महल आज भी ठाट से खड़ा है जिसका चार मंजिल पानी के भीतर और एक मंजिल पानी के ऊपर है।

महल का वर्तमान : आज रखरखाव के बैगरह  स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है। यहाँ का आकर्षण बस महल और आसपास के शांत, मनोहर वातावरण हैं। आज यहां बहुत से कचरा और शहर की गंदगी नालों के जरिये सरोवर में बहा दिया जाता है।तक़रीबन 2 तन टॉक्सिक को बहाया जाता है और साथ ही सरोवर के पानी को शुद्ध रखने के लिये वाटर सिस्टम भी विकसित किया गया है पर खुली जगह होने के कारण झील के किनारे किनारे कुछ ज्यादा ही रहती है। ठंड के दिनों में सरोवर पर आपको अलग और सुन्दर पक्षी भी देखने को मिल सकते है जो प्रवास के लिए आते है।

घूमने का समय : जयपुर घूमने का परफेक्ट समय नवंबर से फरबरी तक को माना गया है क्योंकि इस समय न तो ज्यादा गर्मी और न ज्यादा ठंड रहती है, मौसम पर्यटन के लिए अनुकूल रहता है।

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★ कैसे पहुँचे : जलमहल जयपुर शहर से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर आमेर किला को जोड़ने वाली सड़क के किनारे स्थित हैं। यहा आप शहर से ऑटो, बस और टैक्सी से आसानी से पहुँच सकते है। जयपुर सिटी वायुयान और रोड़वेज से भारत के लगभग सभी शहरों से कनेक्ट है।

★ समय और प्रवेश शुल्क : यह सरकार द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित के कारण झील में प्रवेश वर्जित है, बाक़ी आप बाहर से इसे देख और आस पास घूम सकते है। इसका कोई शुल्क नही है आप कभी भी जा और आनंद ले सकते है।

रुकना और खाना : यहाँ आपको महल के पास काफी खिफ़ायती दामों में होटल और लॉज मिल जाएंगे ( 300 से 700) तक , खाने में आप यहां के पारंपरिक भोजन दाल बाटी चूरमा, घेवर , कड़ी कचौड़ी  का स्वाद ले सकते है। यहां की मिठाइयाँ बहुत लोकप्रिय हैं जिसमें घेवर, इमरती, हलवा, चोइर्मा, गजक, मूंग थाल और बहुत कुछ शामिल हैं। 

★ शॉपिंग , फोटोग्राफी और  फन  : महल के पास आप स्ट्रीट शॉपिंग का आनंद ले सकते है जहाँ आपको जयपुर शहर की उत्तम हस्तशिल्प और पारंपरिक गहनें मिल जाएंगे।

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