दीप प्रज्वलन कर गीता प्रवचन सप्ताह का किया शुभारंभ
योग शक्ति सानू दीदी, बैतूल की बी के मंजू दीदी और सुनीता दीदी का हुआ भव्य स्वागत
Betul Ki Khabar/भैंसदेही (मनीष राठौर) :- ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय सेवा केंद्र द्वारा आज सुबह भैंसदेही में एक विशाल शोभा यात्रा निकाल करके गीता ज्ञान प्रवचन सप्ताह का शुभारंभ किया गया। पौराणिक शिव मंदिर से निकलकर भैंसदेही के मुख्य मार्ग से होती हुई यह शोभा यात्रा आयोजन स्थल सांस्कृतिक भवन, बाजार चौक पहुंची। इस शोभा यात्रा का मुख्य आकर्षण वाहन पर सजा शिव भोलेनाथ का रथ तथा रथ को संभालते हुए श्री कृष्ण की झांकी रही। शोभायात्रा में एक वाहन पर शिव भोलानाथ का रथ सजाया गया साथ ही एक सुन्दर रथ पर श्रीकृष्ण रथ को संभालते दिखे और उस रथ में गीता ज्ञान प्रवचन माला की मुख्य वक्ता सिवनी से पधारी योग शक्ति सानू दीदी, ब्रह्माकुमारीज बैतूल की संचालिका ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी, ब्रह्माकुमारीज सारणी से ब्रह्माकुमारी सुनीता दीदी जी विराजमान थे। ब्रह्माकुमारी के अनुयायियों के द्वारा निकाली गई झांकी द्वारा भैंसदेही के लोगो को इस आयोजन के लिए निमंत्रण दिया गया। ब्रह्माकुमारी द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों में भी इससे पूर्व गीता ज्ञान प्रवचन सप्ताह का आयोजन किया गया था। सात दिन चलने वाले इस गीता प्रवचन में रामायण महाभारत तथा श्रीमद् भागवत गीता पर आधारित प्रवचनों के माध्यम से गीता ज्ञान का आध्यात्मिक और व्यवहारिक रहस्य बताया जाएगा जिसके द्वारा भगवत ज्ञान को जीवन में चरितार्थ करना सहज अनुभव होगा।
दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ
गीता ज्ञान प्रवचन सप्ताह का शुभारंभ ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी, बी के सानू दीदी, बी के सुनीता दीदी, समाज सेवी राजा ठाकुर, कुसुम किलेदार(उपाध्यक्ष नपा भैंसदेही), सुरेश पाल (व्यापारी) ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पहले दिन महाभारत और गीता का महत्व बताते हुए योग शक्ति सानू दीदी ने महाभारत प्रसंग और गीता उपदेश की महत्ता को विस्तार पूर्वक स्पष्ट किया विदित हो कि यह आयोजन 21से 27 मार्च तक चलेगा जिसमें सभी भैंसदेही निवासी धर्म प्रेमी बंधुओ और बहनों से आग्रह किया गया है की पहुंचकर इस कार्यक्रम का लाभ उठाएं।
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गीता को घर में संभालने से अच्छा जीवन में समाए – सानू दीदी
सिवनी से पधारी सानू दीदी ने आज गीता ज्ञान प्रवचन सप्ताह का शुभारंभ करते हुए कहां की आज घर-घर में शास्त्रों में श्रेष्ठ कहे गए श्रीमद् भागवत गीता ग्रंथ को रखा गया है। हम इसे घर में सम्भाल करके तो रखते हैं परंतु सिर्फ संभाल कर रखने से हमारे जीवन में किसी भी प्रकार का कोई लाभ प्राप्त होने वाला नहीं, इससे अच्छा है कि हम इसे जीवन में सामने अर्थात चरितार्थ करने का प्रयास करें । भगवान ने गीता सिर्फ अर्जुन के लिए ही नहीं अपितु हम सभी के लिए कहा है। हमारी भी दशा आज अर्जुन के भांति ही है।