नपा ने सार्वजनिक नलों में वाल्व लगाना किया शुरू, अब व्यर्थ नहीं बहेगा पानी
Betul Ki Khabar / आमला :- नगरपालिका ने जल बचाओ की दिशा में कदम उठाते हुए सार्वजनिक नलों में टोटियां लगने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। जिसके बाद, अब हजारों लीटर पानी बर्बाद होने से बच जायेगा। दरअसल विगत दिनों एसडीएम शैलेन्द्र बडोनिया ने नगरपालिका अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक ली थी। बैठक में बैतुल टॉक्स द्वारा प्रकाशित खबर ‘लापरवाही: नलों में टोटी नहीं होने से व्यर्थ बह रहा हजारों लीटर पानी’ को संज्ञान में लेकर सार्वजनिक नलों और बिना टोटी के नल कनेक्शनों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये थे। एसडीएम के निर्देशों के बाद नगरपालिका कर्मचारियों ने खुले सार्वजनिक नलों का सर्वे कर उनमें वाल्व लगाने का काम शुरू कर दिया है। बता दे कि शहर के 18 वार्डो में 6 पानी की टँकियों से पानी की सप्लाई की जाती है। शहर में करीब 3500 घरेलू नल कनेक्शन है, जबकि वार्डो और सार्वजनिक स्थानों पर 150 से अधिक सार्वजनिक नल लगे हुए है। इन नलों में टोटियां नहीं थी। जिसके कारण पानी सप्लाई के दौरान हजारों लीटर पानी व्यर्थ बहकर नालियों में समा जाता था।
अब जरूरत के हिसाब से ही खर्च होगा पानी …
नलों में टोटी वाल्व लगने से जहां पानी की बर्बादी रूकेगी, वहीं लोग जरूरत के हिसाब से पानी लेकर नल बंद कर पायेगे। जिससे फायदा यह होगा कि नलों में जो पे्रेशर की समस्या थी, वह भी काफी हद तक कम हो जायेगी। जागरूक नागरिकों ने बताया कि सार्वजनिक नलों के खुले रहने से घरों में पानी का प्रेशर कम रहता था। पानी भरने के बाद लोग चाह कर भी नल बंद नहीं कर पाते थे। जिससे पानी बहता था। लगातार पानी बहने से सडक़ भी खराब होती थी। लेकिन नगरपालिका द्वारा नलों में टोटी लगने से पानी की बर्बादी रूकेगी और सडक़ पर व्यर्थ पानी नहीं बहने से सडक़ भी जल्द खराब नहीं होगी।
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बचत से गर्मी में पानी की किल्लत से मिलेगी निजात …
शहर में हर साल गर्मी शुरू होते ही पानी की किल्लते शुरू हो जाती है, क्योंकि जिस डेम से पूरे शहर में पानी की सप्लाई होती है, वह डेम फरवरी-मार्च आते-आते खाली हो जाता है। जिसके पीछे एक कारण यह भी था कि शहर के 18 वार्डो में आवश्यकता से पानी खर्च होता था। हजारों लीटर पानी तो सिर्फ नालियों में बह जाता था। जिससे रोजाना पानी टँकियों को भरना पड़ता था। लेकिन अब नलों में वाल्व लगने से लोग भी पानी बचाने की दिशा में जागरूक होगे। आवश्यकतानुसार पानी लेने के बाद वाल्व बंद करेगे। जिससे पानी की बचत होगी और पानी की यहीं बचत गर्मी में लोगों को जलसंकट से निजात दिलाने में सार्थक साबित होगी।