प्रसुता ने दिया एक अनोखे शिशु को जन्म कुछ घंटों के बाद शिशु की मौत

By sourabh deshmukh

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Betul Ki Khabar / भैंसदेही (मनीष राठौर) :- भैंसदेही अस्पताल में अनोखे शिशु का हुआ जन्म बना कौतूहल का विषय। अनोखा शिशु कौतूहल का विषय बन गया है,बताया जा रहा है कि भैंसदेही निवासी एक महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैंसदेही में भर्ती कराया गया था। जहां प्रसव के बाद एक बच्चे का जन्म हुआ। जिसे शनिवार सुबह करीब 9 बजे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया l

जिसके दोनों पैर मछली की तरह आपस में चिपके हुए है तो वही बच्चे के दोनों गुप्तांग नहीं है बच्चा डॉक्टरों की निगरानी में था परंतु 10 घंटे में ही शिशु की मौत हो गई है।मामले में जिला अस्पताल डॉक्टर्स बोल- एक लाख में ऐसा एक केस होता है
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन और शिशु रोग विषेशज्ञ डॉ. जगदीश घोरे के मुताबिक जिस मां ने इस बच्चे को जन्म दिया है, उसकी उम्र महज 19 साल है। यह एक प्री-मैच्योर डिलीवरी थी। जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य बच्चों से कम पाया गया। महिला की यह पहली डिलीवरी है। बच्चों के साथ उसकी मां को भी जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जहां मां की हालत सामान्य है। जबकि बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। डॉक्टर के मुताबिक उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जबकि उसका हार्ट भी ठीक से काम नहीं कर रहा था।

भैंसदेही सीएचसी में आज जन्मे एक शिशु को देखते ही कौतूहल फैल गया। बच्चे के पैर किसी जलपरी की तरह जुड़े हुए थे। इसे मरमेड बेबी की तरह कहा जाता है। उसके पैर मछलियों के पिछले पंख की तरह जुड़े हुए थे। बच्चे ने जन्म के बाद करीब दस घंटे तक सांस ली।लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन और शिशु रोग विषेशज्ञ डॉ जगदीश घोरे ने मीडिया को बताया कि भैंसदेही तहसील के एक गांव से 19 वर्षीय महिला को प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भैंसदेही में भर्ती कराया गया था। जहां प्रसव के बाद एक बेबी ने जन्म लिया। जिसे आज सुबह करीब 9 बजे जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जांच में पाया गया कि बच्चे को मेजर कंजेनाइटल माल फॉर्मेशन है । यह कन्जवाइन बेबी है। इसका नीचे का सिरा पूरा चिपका हुआ है। जिसकी वजह से उसका सेक्स डिटरमिनेशन( जननांगों की पहचान) नहीं हो रहा है। उसके नीचे के ऑर्गन मिक्स अप है । पहचानना मुश्किल है कि वह बालक है या बालिका। परीक्षण में उसे हार्ट डिजीज भी पाई गई है। यह दुर्लभ स्तिथि है।यह एक।लाख बच्चो में एक होता है।

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कम वजन और प्री मेच्योर डिलीवरी

बताया जा रहा है कि जिस मां ने इस बच्चे को जन्म दिया है उसकी उम्र महज 19 साल है। आज सुबह 4:30 उसने भेज दी ही चक में इस बच्चे को जन्म दिया था जन्म के समय इसका वजन सामान्य बच्चों से कम पाया गया है। महिला की यह पहली डिलीवरी है। बच्चों के साथ उसकी मां को भी भैंस देही से बैतूल जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है जहां जच्चा की हालत सामान्य है। जबकि बच्चों ने आपसे कुछ देर पहले इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। डॉक्टर के मुताबिक उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जबकि उसका हार्ट भी ठीक से काम नहीं कर रहा था।

पोषण की कमी बनी वजह

डॉ जगदीश घोरे ने बताया कि यह इसके लिए बहुत सारे कारण रहते है। गर्भकाल के समय मां को बहुत सारे सपोर्ट , दवाईयों की जरूरत होती है। आयरन ,फोलिक एसिड , मल्टी विटामिन, अच्छा भोजन,समय पर नींद ले,जांचे समय पर कराए। अक्सर यह होता है कि माल फॉर्मेशन इन तत्वों की कमी से होते है। बच्चे के बनावट में परेशानी न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की वजह से हो जाता है। यह पोषण की कमी की वजह से हो जाता है।

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