Betul News: शासन ने जिला अस्पताल को पीपीपी मोड पर संचालित करने का निर्णय लिया है। इसका विरोध करते हुए डॉक्टरों ने सोमवार को कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को ज्ञापन सौंपकर जिला अस्पताल के मूल स्वरूप को यथावत रखने की मांग की है। उनका कहना है कि जिला अस्पताल को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर संचालित करने की योजना में कई तथ्यात्मक और व्यावहारिक खामियां हैं, जिन्हें बिना विचार किए जल्दबाजी में अपनाने पर नुकसानदायक हो सकता है।
मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रूपेश पद्माकर, डॉ. जगदीश धोटे, डॉ. रानू वर्मा, डॉ. आर बारंगे, डॉ. परिहार और डॉ. प्रांजल सहित अन्य डॉक्टरों ने बताया कि पीपीपी मोड पर जिला अस्पताल में 75 प्रतिशत बेड निशुल्क सेवा होगी और 25 प्रतिशत बेड सशुल्क या आयुष्मान योजना के तहत लिए जाएंगे। नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की सेवाएं निजी प्रबंधन के अधीन कर दी जाएंगी या उन्हें अन्यत्र शिफ्ट कर दिया जाएगा। जिससे आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
डॉक्टरों ने बताया कि भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहतर ढांचा बनाया है, जिसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सिविल अस्पताल, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। पीपीपी मोड के कारण यह व्यवस्था बाधित हो जाएगी, क्योंकि जिला अस्पताल का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और जिले में केवल एक निजी मेडिकल कॉलेज ही रह जाएगा।
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