खुद को ठगा महसूस कर रहा पिता, शासन की योजना पुस्तक मेले में नही मिली कोई छूट –

By betultalk.com

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अभिभावक बोले ₹200 का पेट्रोल जलाकर पुस्तक मेले में आने से अच्छा था ऑनलाइन ही खरीद लेते

BETUL NEWS / घोड़ाडोंगरी -निजी स्कूलों के छात्रों के लिए रियायती दरों पर किताबें उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन ने पुस्तक मेले का आयोजन कर रहा है। जिससे निजी स्कूलों में किसी खास स्टेशनरी से शिक्षण सामग्री खरीदने के लिए बाध्य ना कर सके। लेकिन शासन की इस मानसा का विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है पुस्तक मेला सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया है। पुस्तक मेले में पहुंच रहा है विद्यार्थियों को सभी विषयों की पुस्तक तक नहीं मिल पा रही है वही जो पुस्तक मिल रही है वह एमआरपी पर मिल रही है पुस्तक पर किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी जा रही है जिसके कारण मेले में आ रहे विद्यार्थी एवं अभिभावक निराश होकर लौट रहे हैं।

बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी में 3 दिवसीय ब्लॉक स्तरीय पुस्तक मेले का आयोजन किया जा रहा है इस मेले में पुस्तक खरीदने ब्लॉक भर के निजी स्कूलों के विद्यार्थी एवं अभिभावक पहुंच रहे हैं। मेले में पुस्तक एमआरपी रेट पर ही उपलब्ध कराई जा रही है जिसके कारण मेले में पुस्तकों पर रियायत की उम्मीद लेकर पहुंचे अभिभावक एवं विद्यार्थी निराश होकर वापस लौट रहे हैं।

Betul Samachar: स्कूली शिक्षा को पलीता लगा रहे शिक्षक

शोभापुर कॉलोनी सारनी से आये अभिभावक हबीब खान ने बताया कि स्कूल से मैसेज मिला था कि घोड़ाडोंगरी में पुस्तक मेला लगाया गया है जिसमें छूट के साथ कॉपी एवं किताब मिल रही है। जब मेले में पहुंचा तो यहां पता चला कि सभी विषय की पुस्तक या उपलब्ध नहीं है इसके साथ ही पुस्तक पर किसी प्रकार की कोई छूट नहीं है एमआरपी पर ही दी जा रही है सिर्फ कॉपी पर ही 20% की छूट दी जा रही है। जबकि ऑनलाइन में 500 की पुस्तक 300 में मिल रही है ऐसे में 200 रुपए का पेट्रोल जलाकर मेले में आने का कोई फायदा नहीं मिला। अब ऑनलाइन ही किताबें खरीदेंगे। वही शाहपुर एसडीएम डॉक्टर अभिजीत सिंह से भी पुस्तक पर छूट नहीं दिए जाने की शिकायत की है।

जब मिला ही लगाना था तो स्कूल प्रबंधन ने जबरन क्यों दे दी किताबें

अभिभावक रेखा इरपाचे ने बताया कि स्कूल प्रबंधन द्वारा 1 अप्रैल को ही दबाव बनाकर स्कूल से ही पुस्तक खरीदने के लिए कहा जिस पर स्कूल में ही एमआरपी पर पुस्तक खरीदी यदि पुस्तक मेले का आयोजन किया ही जाना था तो स्कूल शुरू होने से पहले किया जाना था इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन को भी यह समझाइए दी जानी चाहिए थी कि किसी भी विद्यार्थी पर स्कूल से किताब खरीदने का दबाव न बनाया जाए। जिससे अभिभावक खुले बाजार में स्वतंत्र रूप से अपने बच्चों की किताबें, कॉपियां और ड्रेस खरीद सकें।

मेले में आए दुकानदारों से चर्चा की जा रही है

पुस्तक मेले में दुकान लगा रहे

शाहपुर एसडीएम डॉक्टर अभिजीत सिंह ने बताया कि दुकानदारों से चर्चा कर पुस्तक पर छूट दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे विद्यार्थियों को पुस्तक मेले में छूट के साथ पुस्तक मिल सके। इसके साथ ही सभी पुस्तक उपलब्ध हो इसके भी प्रयास किया जा रहे हैं।

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