मुलताई। नहाल समाज के लोगों ने अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग उठाई है। मंगलवार को समाज के प्रतिनिधि मंडल ने विधायक चंद्रशेखर देशमुख को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधियों ने बताया कि नहाल जाति मूल रूप से बड़वानी जिले की सेंधवा तहसील की निवासी है। यह जाति भीम नायक और टंट्या नायक के वंशज मानी जाती है।प्रतिनिधियों में रविंद्र नायक, सूरज नायक, विकास नायक, अविनाश सुरजा, विजय सुरजा, राज नायक और विक्की राठौर शामिल थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 1750 के दशक में बैतूल जिले के तत्कालीन शासक रघुजी भोसले ने नहाल जाति के कुछ युवाओं को प्रभातपट्टन लाया था। राजाश्रय और जीविका के साधन मिलने पर ये लोग यहीं बस गए। नहाल जाति की भाषा, रीति-रिवाज और वैवाहिक संस्कार भील, निहाल और नाहुल जातियों से मिलते-जुलते हैं। समाज के लोगों ने बताया कि नहाल जाति आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से बेहद पिछड़ी हुई है। शासकीय सेवाओं में समाज की भागीदारी शून्य है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ है। वर्तमान में यह जाति पिछड़ा वर्ग में आती है। समाज ने मांग की है कि नहाल जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए।
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