Betul News: बैतूल में ई-रिक्शा और डीजल ऑटो चालकों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। तीन दिन पहले ई-रिक्शा चालकों ने डीजल ऑटो चालकों पर अभद्रता करने और सवारियों को बैठाने से रोकने का आरोप लगाया था। इस शिकायत के बाद आज डीजल ऑटो चालक सड़क पर उतर आए। उन्होंने ई-रिक्शा चालकों के आरोपों को निराधार बताया है।
मप्र सड़क परिवहन कर्मचारी महासंघ मप्र ऑटो चालक एकता संघ के बैनर तले सैकड़ों ऑटो चालक एकत्रित होकर आज कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने डिप्टी कलेक्टर को अपनी मांगों का पत्र सौंपा है। उन्होंने ई-रिक्शा चालकों की शिकायत को निराधार बताते हुए इसे मनगढ़ंत कहानी बताया है।
उनका आरोप है कि ऑटो चालक निर्धारित स्थान पर खड़े होकर सवारियां चढ़ाते हैं। लेकिन ई-ऑटो चालक सड़क पर कहीं भी ई-रिक्शा खड़ा कर सवारियां चढ़ाते हैं। प्रशासन ने करीब 15 साल पहले सवारियों के लिए एक निश्चित दर तय की है। जिसका वे पालन कर रहे हैं। लेकिन ई-रिक्शा चालक सवारियों से बहुत कम किराया वसूल रहे हैं।
जिससे उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के रेट भी आसमान छू रहे हैं। जिससे उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह रखी मांग
नगर पालिका परिषद बैतूल ने ऑटो चालकों के लिए स्टैंड तय नहीं किया है, जिसके कारण उन्हें कई बार बलपूर्वक हटाया जाता है।
ऑटो चालकों के पास केवल 3 किलोमीटर की परिधि का परमिट है, जिसे बढ़ाकर 7 किलोमीटर किया जाए।
ई-रिक्शा चालकों को ऑटो स्टैंड की परिधि से 200 मीटर की परिधि के बाहर से सवारियां उठाने की अनुमति दी जाए।
ट्रेवल्स बसें सुबह 4 से 9 बजे तक रेलवे स्टेशन के सामने खड़ी रहती हैं और सवारियों को कोठी बाजार आदि स्थानों पर ले जाती हैं, जिससे व्यापार प्रभावित होता है। उन्हें तय रूट से ही भेजा जाए।
ऑटो चालकों के लिए दर तय की जाए और ई-रिक्शा चालकों को बीच सड़क से सवारियां उठाने से रोका जाए।