Betul News Today :- हाईकोर्ट ने एक फैसले में पत्रकार की अधिमान्यता समाप्त करने के मामले में नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन न करने पर वरिष्ठ अतिरिक्त संचालक (अधिमान्यता) जनसंपर्क भोपाल का आदेश रद्द कर दिया है। जबलपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश विशाल धगत द्वारा सोमवार को सुनाए गए फैसले में बैतूल के पत्रकार रामकिशोर पवार को बड़ी राहत दी है। पत्रकार रामकिशोर पवार के अधिवक्ता सुशील तिवारी ने बताया कि न्यायाधीश ने अपने फैसले में उल्लेख किया है कि अपर संचालक अधिमान्यता द्वारा जारी आदेश को देखने पर पाया गया कि याचिकाकर्ता को सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया। आदेश एक नॉन स्पीकिंग आर्डर है और इसमें केवल क्लाज 8(३) का उल्लेख है और याचिकाकर्ता की मान्यता रद्द कर दी गई। इन परिस्थितियों में दिनांक १५ अक्टूबर २०२४ को वरिष्ठ अतिरिक्त संचालक अधिमान्यता का आदेश रद्द किया जाता है।
वहीं उन्होंने अतिरिक्त संचालक जनसंपर्क को भी निर्देश दिए हैं कि वे कारण बताओ नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर दिया जाए। ज्ञात हो कि वरिष्ठ पत्रकार रामकिशोर पवार को लेकर पुलिस अधीक्षक बैतूल के प्रतिवेदन और कलेक्टर बैतूल की अनुशंसा के आधार पर पत्रकार रामकिशोर पवार की अधिमान्यता जनसंपर्क भोपाल ने रद्द कर दी थी। इस मामले में रामकिशोर पवार ने हाईकोर्ट की शरण ली थी और जनसंपर्क के अधिमान्यता रद्द करने के फैसले को गैरवाजिब नियम विरूद्ध और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विरूद्ध बताया था।