सकल जैन समाज की ओर से पर्युषण के तीसरे दिन उत्तम आजर्व धर्म का दिन मनाया

By sourabh deshmukh

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Betul Samachar / चिचोली :- पूर्वराज पर्युषण पर्व का आज तीसरा दिन उत्तम आर्जव धर्म का दिन है। श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चल रहे है विशेष कार्यक्रम जिसमे भिण्ड से पधारे प. पंकज जैन ‘शास्त्री’ जीने बताया कि हमने उत्तम क्षमा को धारण करके सबसे क्षमा मांगी और सभी ने क्षमा को प्रदान किया उसके पश्चात द्वितीय दिन मे उत्तम मार्दव धर्म को समझा कि मैं कर्ता हुँ हीं नहीं मैं तो निमित्त मात्र हूँ जब तक पुण्य का उदय नहीं होगा तब तक कोई कार्य संपन्न नहि होता है मैना सुन्दरी का उदाहण देते हुये कहा कि पिता-राजा था और उसने अपनी पुत्री से पूछा कि तुम अपने किसके भाग्य से खाती हो और आराम पाती हो-तो मैनासुन्दरी ने कहा कि मैं अपने भाग्य से खाती हूं और आराम पाती हूं-पिता को मान आ गया और उसने एक कोढी व्यक्ति जिसने शरीर से बहुत दुर्गंध आ रही थी उसका नाम श्रीपाल था उसके साथ शादी कर दी पुत्री से बोला कि अभी भी बता दो कि किसके भाग्य से खाती हो तब मैना सुन्दरी ने कहा कि यदि मेरे भाग्य में यह कोढी पति है तो मुझे स्वीकार है कोढीपति की सेवा करने लगी एवं भगवान की भक्ति में डूब गई सिद्धचक विधान किया तो उसका पति सर्वांग सुन्दर हो गया इस उदाहरण के बाद पिता ने अपनी गलती स्वीकार की आगे पंडित पंकज जैन ने बताया कि अब उत्तम मार्दन धर्म को धारण करना है तो दुसरो की निन्दा करना एवं अपनी प्रशंसा करना बंद करो बल्कि अपनी निन्दा और दूसरो गुणो का बखान प्रशंसा करो अपने बड़ों और गुणवान व्यक्ति की प्रशंसा करो। तभी जीवन में मार्दव धर्म आयेगा । उत्तम क्षमा एवं उत्तम मार्दव धर्म ग्रहण करने के पश्चात आज उत्तम आर्जव धर्म का दिन है इस बीच में समाज के कई वरिष्ठ लोगो ने नियम व्रत धारण किया l

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दिगम्बर जैन मंदिर मे उपस्थित

समाज के अध्यक्ष चन्द्रेश जैन ने साधु बनकर समाधिमरण करने की भावना प्रगट की युवाओ ने अभिषेक पूजन करने संकल्प ग्रहण किया एवं बहनो ने अपने भाग्य पर भरोसा करने का संकल्प गृहण किया सभी जैन समुदाय ने यथायोग्य वृत धारण किये।

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