कम लागत में ज्यादा कमाई का मौका, कम मेहनत वाली खेती बना देगी लखपति,पारंपरिक खेती में मुनाफा नहीं मिलने के कारण किसान सब्जी और बागवानी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. ऐसे में आज हम दो सब्जियों की खेती के बारे में जानेंगे जिनमें एक किसान को सफलता मिली है, उन्होंने बताया कि वो पहले धान और गेहूं की खेती करते थे.
लेकिन उसमें कोई खास मुनाफा नहीं दिखता था, जिसके बाद उन्होंने एक खास तरीका अपनाया और अब कम निवेश में ज्यादा कमाई कर रहे हैं. आइए जानते हैं वो कौन सी सब्जियों की खेती कर रहे हैं जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है.
ट्रेलिस विधि से कमाई कर रहे किसान
आज हम जिस किसान की बात कर रहे हैं वो सब्जी की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं. वो 5 बीघा जमीन में करेले और तुरई की खेती ट्रेलिस विधि से कर रहे हैं और इससे अच्छी कमाई हो रही है. ये किसान बाराबंकी जिले के मजेंटा गांव के रहने वाले हैं और उनका नाम चमन है. उन्होंने बताया कि कम निवेश में ज्यादा कमाई हो रही है.
कम लागत में ज्यादा कमाई का मौका, कम मेहनत वाली खेती बना देगी लखपति
क करेले के फायदे तो आप जानते ही हैं, साथ ही ट्रेलिस विधि से करेले और तुरई की खेती करने से किसानों को कई फायदे होते हैं. मसलन फसल में बीमारी की समस्या खत्म हो जाती है और पौधे भी सड़ते नहीं हैं. क्योंकि वो जमीन से ऊपर रहते हैं और ऐसे में अगर कोई बीमारी या पेस्ट लग भी जाए तो दवाई का छिड़काव करने में भी कोई दिक्कत नहीं होती है. आइए जानते हैं आखिर किसान खेती कैसे कर रहे हैं और इसमें कितना खर्चा आ रहा है.
करेले और तुरई की खेती कैसे करें
करेले और तुरई की खेती करना बहुत आसान है. इसमें सबसे पहले आपको खेत तैयार करना चाहिए. इसके लिए गहरी जुताई कराना अच्छा रहेगा. इसके बाद क्यारियां बनाकर करीब एक फुट की दूरी पर बुवाई करनी चाहिए. जैसे-जैसे पेड़ बढ़ते हैं सिंचाई का पूरा ध्यान रखना होता है और पौधे को सहारा देने के लिए आप बांस की खपरेल बना सकते हैं.
इसके साथ ही यहां पर लड़की में रस्सी भी डालनी होगी. करेले की खेती में 50 से 55 दिन लग जाते हैं और फसल तैयार होकर बाजार में बिकने के लिए तैयार हो जाती है. जिससे किसान कमाई करना शुरू कर सकते हैं.
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किसान ने बताया खर्च और कमाई के बारे में
करेले और तुरई की खेती में होने वाले खर्च के बारे में बात करते हुए किसान का कहना है कि खेत में उन्हें कम खर्चा आता है. लेकिन कमाई ज्यादा होती है. खर्च की बात करें तो पौधे को सहारा देने के लिए बीज, पानी, मजदूर के साथ-साथ रस्सी आदि का इंतजाम करना होता है. ये सभी चीजें उन्हें खरीदनी पड़ती हैं.
लेकिन अगर आपके पास ये चीजें पहले से मौजूद हैं तो खर्चा और भी कम हो जाता है. वहीं अगर कमाई की बात करें तो इसमें किसान दो से तीन लाख रुपये तक कमा सकते हैं. यानी सब्जियों के भाव मार्केट के हिसाब से मुनाफा कम या ज्यादा हो सकता है.