Central jail :- अकसर हम सभी लोग सोचते है कि, जुर्म करने के बाद कैदी जेल के अंदर आखिर क्या करते हैं? उन्हें किस तरीके से रखा जाता है। आज हम आपको बताते हैं कि, आखिर जेल की चहारदीवारी के अंदर जाने के बाद कैदियों का क्या हाल होता है।
बता दे कि, जेल में जाने के बाद जो भी कैदी होता है उसे वहा काम दिया जाता है और जो भी कैदी काम करता है। उसे भुगतान भी किया जाता है। मतलब सश्रम कारावास की सजा करने वाले कैदी, जिन्हें किसी न किसी प्रकार से श्रम करना होता है। इन कैदियों के लिए शासकीय दर से पैसे दिए जाते हैं। जहां उन्हें पारिश्रमिक के रूप में कुशल कैदी को 154 रुपए प्रतिदिन जबकि अकुशल कैदी को 92 रुपए दिन के हिसाब से पैसे दिए जाते हैं। यह पैसे कैदियों के अकाउंट खुलवा कर ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
सबसे कम भुगतान करने वाले राज्यों कौन से हैं?
देखा जाए तो निचले सिरे पर मणिपुर और मिजोरम हैं, जिन्होंने 12 रुपये से 15 रुपये प्रति दिन के रूप में कम से कम भुगतान किया था। पश्चिम बंगाल ने 35 रुपये (कुशल अभियुक्त), 30 रुपये (अर्द्ध कुशल) और 26 रुपये (अकुशल) का भुगतान किया, जबकि छत्तीसगढ़ ने 30 रुपये (कुशल) और 26 रुपये (अकुशल) का भुगतान किया, जो कि मजदूरी के रूप में लगभग आधा था मध्य प्रदेश 55 रुपये (कुशल) और 50 रुपये (अकुशल)
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सूरत और हिमाचल प्रदेश की जेल में कैदियों के लिए कितना है भुगतान
सूरत की जेल में कैदियों के लिए डायमंड प्रोसेस यूनिट खोली गई है।जिससे हर कैदी हर महीने करीब 20,000 रुपए तक कमा लेता है। वहीं हिमाचल प्रदेश में एक कैदी फर्नीचर बनाकर काफी पैसा कमाता है ये घर भेजता है ताकि घर का खर्चा चल सके। मेरठ की जेल में कैदियों से अब क्रिकेट का बल्ला और दूसरे साजोसामान बनवाए जा रहे हैं वैसे देश में सभी जेलों में अलग अलग तरह तरह के उत्पाद तैयार किए जाते हैं, जिनकी अच्छी डिमांड भी बाजार में रहती है।
कैसा होता है जेल में कैदियों का जीवन?
तो आपको बतादे कि, जेल में कैदियों का जीवन थका देने वाला होता है। उन्हें कई तरह की सीमाओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुछ लोग जेल में रहकर नए कौशल सीखते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक तरीके से जीते हैं।
- जेल में कैदियों के जीवन की बात करे तो, कुछ इस प्रकार है जैसे, जेल में कैदियों को सुबह जल्दी उठना होता है।
- कैदियों को समय पर खाना मिलता है।
- कैदियों को समय-समय पर काम बांटा जाता है।
- कैदियों को घर वालों से मिलने का समय दिया जाता है।
- जेल में कैदियों को शिक्षा और धर्म की पढ़ाई की अनुमति दी जाती है।
- जेल में कैदियों के इलाज के लिए अस्पताल की सुविधा होती है।
- जेल में कैदियों को काम करने पर मेहनताना मिलता है।
- जेल में कैदियों को अदालत की कार्यवाही के लिए वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग की सुविधा मिलती है।
- इसके साथ ही जेल में कैदियों को अक्सर इन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जैसे,अकेलापन,कम खाना,समय से पहले उठना,अधिकतम आवेदन की संख्या,संक्रामक और अन्य बीमारियां,शोषण,भ्रष्टाचार आदि।
कैसा रखा जाएगा आरोपी संजय रॉय को जेल में
इसी तरह कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप-हत्या का दोषी संजय रॉय सलाखों के पीछे है। सियालदह कोर्ट ने सोमवार (20 जनवरी, 2025) संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में ट्रेनी डॉक्टर के परिवार सहित सीबीआई ने भी फांसी की सजा मांगी थी। हालांकि, कोर्ट ने फांसी की सजा न देकर उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब दोषी संजय रॉय को जेल में hard labour करना होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसे Presidency central jail में एक असंगठित मजदूर के रूप में 105 रुपए रोज़ाना दिए जाएंगे। जेल विभाग के अधिकारी ने बताया कि, अकुशल श्रमिकों को 105 रुपये, अर्ध-कुशल श्रमिकों को 120 रुपये और कुशल श्रमिकों को 135 रुपये प्रतिदिन की मजदूरी मिलती है, जो जेल में बंद कैदी के खाते में जमा होती है। इस राशि का इस्तेमाल जेल से सामान खरीदने में किया जा सकता है और जब कैदी रिहा होता है, तो वह इसे अपने साथ ले जाता है।
फिलहाल संजय रॉय को हाई-सिक्योरिटी वाले पोइला बैश ब्लॉक के सेल नंबर 6 में रखा गया है। उनके सेलमेट में स्कूल जॉब घोटाले में आरोपी पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, साथ ही आफताब अंसारी और जमालुद्दीन नासर शामिल हैं, जिन्हें कोलकाता में अमेरिकन सेंटर हमले में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, उनके सेल के पास विशेष गार्ड तैनात किए गए हैं।