Betul Ki Khabar :- पंचायतों के अंशकालीन कर्मचारियों ने आज (5 जून) को न्यूनतम वेतन और फोर्थ क्लास कर्मचारियों को स्थाई कर्मी बनाने के लिए बैतूल में प्रदर्शन किया। उन्होंने यहां रैली निकाली और कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ग्राम पंचायतों के चौकीदार, भृत्य, पंप आपरेटर, स्कूलों, छात्रावासों के अंशकालीन कर्मी, योग प्रशिक्षक, मोबिलाइजर आज बैतूल में इकट्ठा हुए। उन्होंने मांगे न माने जाने आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। कर्मचारियों ने उन्हें दिए जा रहे कम वेतन को बेहद न्यूनतम और इसे सरकार के लिए शर्मनाक बताया।
यह है मांगे (Betul Ki Khabar)
1. शिक्षा विभाग और आदिम जाति विभाग के स्कूलों, छात्रावासों सहित सभी विभागों में कार्यरत अंशकालीन, अस्थाई, ठेका, आउटसोर्स और दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिया जाए।
2. चतुर्थ श्रेणी के पद पर स्थाई कर्मी बनाया जाए।
3. आयुष विभाग के योग प्रशिक्षकों को भी न्यूनतम वेतन दिया जाए।
4. ग्राम पंचायतों में कार्यरत भूत्य, चौकीदार, नल चालक, पंप आपरेटर, कंप्यूटर आपरेटर को न्यूनतम वेतन दिया जाए।
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20 साल से नहीं हुई भर्ती (Betul Ki Khabar)
संघ के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने बताया की प्रदेश में हजारों अस्थाई कर्मचारी चतुर्थ श्रेणी के पदों पर 15-20 साल से काम कर रहे हैं। जिन्हें 2-5 हजार रुपए मासिक वेतन ही मिलता है। दरअसल, प्रदेश में 20 साल से चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती नहीं हुई है। सभी विभागों में चतुर्थ श्रेणी के लाखों पदों रिक्त है। जिन पर अंशकालीन, अस्थाई, आउट सोर्स और ठेका कर्मचारी काम करते हैं।
यह सभी कर्मचारी समाज के गरीब, मजदूर और कमजोर परिवारों से आते हैं। चतुर्थ श्रेणी की छोटी सी सरकारी नौकरी का सपना लेकर सरकारी विभागों में नौकरी करने पहुंचे लघु वेतन कर्मचारी की नौकरी में न स्थायित्व है और न ही सम्मान जनक वेतन। इन्हें सरकार का घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता है। जिस वजह से कार्यरत लाखों अल्प वेतनभोगी कर्मचारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।