Betul Today News :- बैतूल के सारणी में प्रस्तावित 660 मेगावाट की नई 12 नंबर बिजली यूनिट के लिए 50 से ज्यादा मकानों को हटाने की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। पावर हाउस प्रबंधन ने इसके लिए 52 परिवारों को नोटिस जारी किया है। यहां वर्षों से रह रहे मजदूर परिवारों के सामने ऐसे में संकट खड़ा हो गया है कि वे भरी बारिश में घर छोड़कर कहां जाए।
सारणी के वार्ड नंबर 11 संत कबीर नगर में अधिकांश मजदूर परिवार निवास करते हैं। जहां उनकी झोपड़ियां और कच्चे पक्के मकान बने हुए हैं। ये परिवार यहां पावर हाउस के बनने के समय से ही रह रहे हैं। इनमें कई परिवार ऐसे हैं जिनके पूर्वज पावर हाउस के निर्माण के समय यहां बतौर मजदूर लाए गए थे। तो कई परिवार ऐसे हैं जो आज भी पावर हाउस में काम कर रही ठेका कंपनियों के पास मजदूर हैं। उन्हें अगले सात दिन में अपने निर्माण यानी मकान हटाने को कहा गया है।
ईई ने जारी किया नोटिस Betul Today News–
मध्य प्रदेश पावर जन रेटिंग कंपनी का सिविल विभाग इस इलाके के लोगों को दो बार नोटिस जारी कर चुका है। पिछले 14 जून को जारी किए गए नोटिस से पहले सिविल विभाग के ईई राजेंद्र सोनी ने 15 मई को भी ऐसे ही नोटिस जारी कर रहवासियों को अपने मकान झोपड़ियां हटाने की चेतावनी दी थी। इस नोटिस में स्पष्ट किया गया है की रहवासियों ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की भूमि पर अवैध रूप से मकान झोपड़ी बनाए हैं।
नोटिस में कहा गया है कि पावर हाउस की जमीन पर आपके द्वारा अवैध रूप से बनाए गए मकान या झोपड़ी के स्थान पर 1×660 MW विस्तारित यूनिट-12 के कार्यालयीन भवन का निर्माण होना है। इसलिए इस अपने अवैध निर्माण को शीघ्र अतिशीघ्र 7 दिनों में हटाएं या विभाग की तरफ से वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जिसके लिए आप जवाब दार और जिम्मेदार होंगे।
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बार-बार आ रहे ऐसे नोटिस ने रहवासियों की चिंता बढ़ा दी है। ईई राजेंद्र सोनी ने दैनिक भास्कर से फोन पर हुई चर्चा में कहा कि 52 लोगों को नोटिस दिए गए गए हैं। वहां हमारे भवन बनना है। नई यूनिट के लिए टेंडर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसे में कंपनी की इसी जमीन पर कार्यालय भवन बनाया जाएगा। यहां रह रहे लोग अवैध रूप से रह रहे हैं। इसके अलावा कंपनी के क्वाटर्स में रह रहे लोगों को भी नोटिस दिए गए हैं।
विस्थापन होना चाहिए तब हटाए Betul Today News–
इस वार्ड की कांग्रेस पार्षद हरिता पाल के पति शांतिलाल पाल रहवासियों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने आज इस मामले में ईई से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। वे बताते हैं कि जब 2009 में यहां पावर हाउस की कुछ यूनिट बना था। तब घोड़ा मोहल्ला हटाया गया था। वहां के रहवासियों को दमुआ रोड के किनारे जगह दी गई थी। जहां अब विजयनगर बसाया गया है। इस तरह इन रह वासियों को भी विस्थापित किया जाना चाहिए। उन्हें पहले रहने के लिए जगह मुहैया कराई जानी चाहिए और उसके बाद उन्हें मौके से हटाया जाना चाहिए।
पावर हाउस निर्माण में लगा हमारा खून पसीना Betul Today News–
इस क्षेत्र में रहने वाले किशोर रावत कहते हैं कि पावर हाउस को जिस समय हमारी जरूरत थी। तब हमें यहां लाकर बसाया गया था। यह 50 साल पुरानी बात है। तब हमारे बाप दादाओ को यहां लाया गया था। जिनका खून पसीना पावर हाउस के निर्माण में लगा है। अब हमें हटाने की बात की जा रही है।
हम चाहते हैं कि नया पावर हाउस बने ताकि इलाके में तरक्की हो। लेकिन अगर हमारे मकान हटाए जा रहे हैं तो हमें कहीं जमीन दे दी जाए। ताकि हम अपने परिवार को वहां बस सकें। आने वाला मौसम बारिश का है। ऐसे में हम अपने परिवार को लेकर कहां जाएंगे?
विकास और विस्थापन दोनों होंगे Betul Today News–
क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर योगेश पंडाग्रे ने दैनिक भास्कर से चर्चा में कहा कि सारणी को पावर हाउस की जरूरत है। यह क्षेत्र के विकास के लिए है। ऐसे में यहां नई यूनिट लगाना भी जरूरी है। जो लोग यह रह रहे हैं। उनके विस्थापन के प्रयास किए जाएंगे।
बता दें कि यह क्षेत्र एक समय ब्राह्मण वाडा गांव कहलाता था। जिसकी 5600 एकड़ भूमि वन विभाग ने साल 2015 में पावर जनरेशन कम्पनी को हस्तांतरित की गई थी।