Betul Samachar: बैतूल के अंबेडकर वार्ड में छह साल पहले बनी एक कॉलोनी के रहवासियों की शिकायत पर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी आज अचानक प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर पहुंच गए। इससे हड़कंप मच गया। यहां कलेक्टर ने अधिकारियों को कमियों की जांच करने और दोषी पाए जाने पर कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने अब कहा है कि वे हर सप्ताह एक कॉलोनी का दौरा करेंगे। कलेक्टर को लंबे समय से ग्रीन स्टेट कॉलोनी में कॉलोनाइजर द्वारा विकास कार्य नहीं कराए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। बताया जा रहा है कि 5 एकड़ में विकसित इस कॉलोनी को 2018 तक पूरी तरह विकसित किया जाना था। लेकिन आज भी नाली, सड़क, बिजली, पानी, परिसर कवर नहीं किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। मंगलवार को यहां के रहवासियों ने कलेक्टर से इसकी शिकायत भी की। इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी आज डिप्टी कलेक्टर मकसूद अहमद, सीएमओ डीएस भदौरिया, राजस्व और नगर पालिका अमले के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कॉलोनाइजरों को मौके पर बुलाकर फटकार भी लगाई। कलेक्टर ने उन्हें जल्द विकास कार्य पूरे करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कॉलोनी में देरी से किए जा रहे और छोड़े गए कार्यों की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर सूर्यवंशी ने बताया कि उन्होंने मौके का निरीक्षण किया है। कॉलोनी विकसित करने और प्लॉट बेचने के दौरान रहवासियों को जो खुशनुमा तस्वीर दिखाई गई थी, वह अभी भी पूरी नहीं हुई है। इसकी जांच करने को कहा गया है।
कॉलोनाइजर ने एक्सटेंशन नहीं लिया
सूत्रों के अनुसार इस कॉलोनाइजर को 2018 में काम पूरा करना था, जो अभी भी अधूरा है। इनके एक पार्टनर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस फर्म के पार्टनरों के बीच विवाद के कारण कॉलोनी के विकास में देरी हुई। हालांकि पानी की टंकी का निर्माण जारी है। पाइप लाइन बिछा दी गई है। डामरीकरण का काम बाकी है। यहां डुप्लेक्स बनाने की योजना थी। यहां मारुति और अंजनी डेवलपर दो फर्म काम कर रही थीं।
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एस्टीमेट के अनुसार यहां पूरा काम पूरा हो चुका है। इस मामले में मामला हाईकोर्ट में भी गया है। हालांकि अफसरों का कहना है कि कॉलोनाइजरों को दोषी पाया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने समय सीमा में विकास कार्य पूरा नहीं किया और अधूरा होने पर समय नहीं बढ़ाया। कीचड़ भरी सड़कें, पानी की समस्या यहां पहुंचे कलेक्टर को लोगों ने अपनी रोजमर्रा की समस्याएं बताईं। महिला कल्पना वर्मा ने बताया, 2014 में उन्होंने ग्रीन स्टेट कॉलोनी में 3 बीएचके डुप्लेक्स बुक कराया था। आज 11वां साल हो गया और मुझे कब्जा नहीं मिला। रमेश वागदरे ने बताया, प्लॉट बेचते समय उन्हें ब्रोशर दिखाकर कहा गया था कि सड़क, नाली, पानी और अन्य सुविधाएं होंगी। लेकिन कुछ नहीं है। आज पानी नहीं मिल रहा है। वे बोरवेल कराना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करने दिया गया।